देवउठनी एकादशी के दिन 60 हजार से अधिक श्रद्धालु पंचकोसी यात्रा पर रवाना हुए। मंगलवार सुबह चार बजे से ही नर्मदा स्नान के लिए घाटों पर श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगने लगा था। पदयात्री पांच दिनों में 75 किलोमीटर का रास्ता तय कर ओंकारेश्वर पहुंचेंगे। इस वर्ष खास बात यह रही कि इस यात्रा को प्रारंभ करने वाले उज्जैन निवासी डॉ. विरेंद्र चौरे के पुत्र और पुत्री भी शामिल हुए हैं। पंचकोसी यात्रा पर जाने का क्रम सोमवार से ही शुरू हो गया था। पहले दिन करीब 50 हजार वहीं मंगलवार को 60 हजार से अधिक श्रद्धालु यात्रा पर रवाना हुए। एकादशी के दिन भीड़ अधिक होने से इस वर्ष यात्रा दो हिस्सों में बंट गई थी। पंचकोसी यात्रा पर जाने वालों में पांच वर्ष से लेकर बुजुर्ग तक शामिल हैं। मान्यता के अनुसार पंचकोसी यात्रा पांच दिन में पूर्ण करना होती है। इस बार दो हिस्सों में बंटने के कारण सोमवार को रवाना होने वाले यात्री पूर्णिमा से एक दिन पूर्व ही ओंकारेश्वर पहुंच जाएंगे। वहीं मंगलवार को जाने वाले यात्री पूर्णिमा के दिन 4 नवंबर को पहुंचेंगे। 43 वर्ष पूर्व उज्जैन निवासी डॉ. विरेंद्र चौरे ने पंचकोसी यात्रा की शुरुआत की थी। इस वर्ष यात्रा में उनके पुत्र आशुतोष चौरे और पुत्री अनुराश शर्मा भी शामिल हुए हैं। दोनों भाई-बहनों ने गौमुखघाट पर नर्मदा स्नान करने के बाद यात्रा शुरू की।
माँ नर्मदा पंचकोसी पैदल यात्रा - YouTube | |
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People & Blogs | Upload TimePublished on 31 Oct 2017 |
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