शनि अमावस्या: पाएं शनि की साढेसाती, ढैय्या और महादशा से मुक्ति शनि देव भाग्यविधाता हैं, यदि निश्छल भाव से शनि देव का नाम लिया जाये तो व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. श्री शनि देव तो इस जगत में कर्मफल दाता हैं जो व्यक्ति के कर्म के आधार पर उसके भाग्य का फैसला करते हैं। 18 नवम्बर 2017 को शनिवार के दिन शनि अमावस्या है, इस दिन शनि देव का पूजन सफलता प्राप्त करने एवं दुष्परिणामों से छुटकारा पाने हेतु बहुत उत्तम होता है. इस दिन शनि देव का पूजन सभी मनोकामनाएं पूरी करता है. शनिश्चरी अमावस्या पर शनिदेव का विधिवत पूजन कर सभी लोग पर्याप्त लाभ उठा सकते हैं. इस दिन विशेष अनुष्ठान द्वारा पितृदोष और कालसर्प दोषों से मुक्ति पाई जा सकती है. इसके अलावा शनि का पूजन और तैलाभिषेक कर शनि की साढेसाती, ढैय्या और महादशा जनित संकट और आपदाओं से भी मुक्ति पाई जा सकती है पुराणों के अनुसार शनि अमावस्या के दिन शनि देव को प्रसन्न करना बहुत आसान होता है. शनि अमावस्या के दिन शनि दोष की शांति बहुत ही सरलता कर सकते हैं. इस दिन महाराज दशरथ द्वारा लिखा गया शनि स्तोत्र का पाठ करके शनि की कोई भी वस्तु जैसे काला तिल, लोहे की वस्तु, काला चना, कंबल, नीला फूल दान करने से शनि साल भर कष्टों से बचाए रखते हैं. जो लोग इस दिन यात्रा में जा रहे हैं और उनके पास समय की कमी है वह सफर में शनि नवाक्षरी मंत्र का जप करें, तो शनि देव की पूर्ण कृपा प्राप्त होती है. शनि देव मंत्र “कोणस्थ: पिंगलो बभ्रु: कृष्णौ रौद्रोंतको आयम:। सौरी: शनिश्चरो मंद:पिप्पलादेन संस्तुत:।।
18 नवम्बर को शनि अमावस्या: संकट और आपदाओं से मुक्ति का दिन - YouTube | |
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People & Blogs | Upload TimePublished on 14 Nov 2017 |
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