भाई बहन के प्रेम और स्नेह के पर्व भाई दूज पर आज बहनें भाईयों को टीका करेंगी। कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि को भाई दूज का पर्व मनाने की परंपरा है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इस दिन यमुना ने अपने भाई यम को घर पर आमंत्रित किया था और स्वागत सत्कार के साथ टीका लगाया था, तभी से यह त्योहार मनाया जाता है। इस पर्व को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक कथानुसार एक बार यमराज के पास उनकी बहन यमुना का संदेश आया तो यमराज सब कुछ छोड़कर उनसे मिलने पहुंच गए और इसी तरह से यम द्वितीया का त्योहार शुरू हुआ। भविष्योत्तर पुराण में यम द्वितीया यानी भैया दूज मनाने का यही कारण बताया गया है। भविष्योत्तर पुराण के अनुसार यमराज ने यमुना को वरदान दिया है कि जो भी व्यक्ति यमद्वितीया के दिन यमुना के जल में स्नान करके बहन के घर जाकर उनके हाथों से बना भोजन करेगा उसकी आयु लंबी होगी। यम द्वितीया के दिन अगर यमुना में स्नान नहीं पाते तो बहन के घर जाकर उसके हाथों से यमुना जल का टीका लगवाएं और उनके हाथों से बना भोजन करें, तो इससे भी अकाल मृत्यु से रक्षा होती है। भाई दूज का रात को यमराज के नाम का चौमुखा दीपक जला कर मुख्य दरवाजे पर रखें। ऐसा करने भाई पर किसी प्रकार का विघ्न या बाधा नहीं आती है और उसका जीवन सुखमय रहता है। भाई दूज पर तिलक का समय- टीका मुहूर्त: 13-19 से 15-36 द्वितीय तिथि प्रारंभ : 21 अक्टूबर 2017 को 01:37 बजे द्वितीय तिथि समाप्त : 22 अक्टूबर 2017 को 03:00 बजे
भाई दूज 2017 : भाई को शुभ मुहूर्त में लगाएं तिलक, मिलेगा लंबी उम्र का वरदान | Bhai Dooj - YouTube | |
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People & Blogs | Upload TimePublished on 20 Oct 2017 |
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